मनन





जागो ,खोजो और पाओ अपने आपको

इन गडमड रास्तों में खोकर भी ढूंढ लो अपने आपको

मत भूलो की तुम भी एक हस्ती हो 

चाल में सदा तुम्हारी एक मस्ती हो

कभी न उसूल तुम्हारे सस्ते हों

और कंधे पर तुम्हारे अपने ज़मीर के बस्ते हों

चलते रहो चलते रहो अनवरत 
खुदाई की चादर बिछाते परत दर परत 


डॉ अर्चना टंडन


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