सैनिक

 


सीना तान फौलाद सा

जो दुश्मनों का संहार करने निकलता है

जान हथेली पर लिए

वो सीमाओं पर निडर फिरता है


हम महफूज़ हो विचरते रहें

जीवंत हो देश की समृद्धि में अपना योगदान देते रहें 

ये वो अपनी मुस्तैदी से निश्चित करता है

वीरता की हर सीमा लांघ 

सीने पे गोली खा खून बहा

वो निश्चय ही 

देश का अभिमान ऊंचा करता है


उसके इस बलिदान में शामिल है उसका हर एक पारिवारिक सदस्य

आँसू पीकर मुखाग्नि देना

है इनके अदम्य साहस का परिचायक


इन आराधनातुल्य आत्माओं का

आज सर झुकाकर नमन

देश की उन्नति और समृद्धि में अपना योगदान 

निरंतर बनाए रखने का संकल्प ले

आज अर्पित करते हैं हम इन्हें श्रद्धासुमन 


©डॉ अर्चना टंडन

Comments

Popular posts from this blog

बेशकीमती लिबास

What Is Truth? A Doctor’s Reflection on Balance

Beyond Recognition: Discovering Peace in One's Own Existence