हाथी के दांत



वाह रे स्त्री
तेरी भी क्या किस्मत रही
तेरा नाम ले ले कर
राजपाट लूटे गए
बेचारगी परोस कर
तेरा शोषण होता रहा
और तू उफ्फ न कर सकी
अमीर सफेदपोश बन गरीब को
भ्रूण हत्या का पाठ पढ़ा
अन्य तरीकों से
वारिस पैदा करता रहा
और गरीब बेटियों को पढ़ा लिखा
दहेज जुटा कर भी
अकेला का अकेला रहा
मानों या न मानों
ये कहानी कुछ और है
दीखती कुछ है
और होती कुछ और है

डॉ अर्चना टंडन


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