सह्वेदना -संवेदना


ग्वेद सामवेद यजुर्वेद पढ़ने का क्या है फायदा,

यदि किसी की वेदना पढ़ना तुझे न आया


तरक्की पे तरक्की पा, कमाने का ये कैसा कायदा

कि माता-पिता की सेवा भुला

सांसारिक चकाचौंध ने तुझे भरमाया


झोपड़ों से निकलकर महलों में रहना है गर तरक्की की निशानी

तो फिर शामिल कर उन्हें भी और भुला दे उनकी सारी परेशानी


अपनी जीवन गाथा में उन्हें भी आदर पूर्वक शामिल कर

जिन्होंने तेरे लिए दे दीं अपने असंख्य  सपनों की कुरबानी


शीर्ष पर उनके संतोष को रख जो अमूल्य सुकून तू पाएगा

उसी के सहारे अपनी संतति को एक अमूल्य विरासत दे जाएगा


जा और सह्वेदना का रंग भर तू अपना देवत्व जगा 

और उत्थान की चरम सीमा को छू अपना परचम लहरा


अर्चना टंडन 



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