पात्र हर युग हर काल के




दुर्योधन चित्त करें
सिंघासन को नमन
स्त्री का उपभोग करें 
और करें उनका चरित्र हनन

पराक्रमी अर्जुन करें 
शौर्य और पराक्रम का चयन
अपने बाहुबल द्वारा करें
वो माता स्वरुपी स्त्री को नमन

श्रीकृष्ण स्वरूपी समझें
स्त्री की लाज को उसका धन
रास भी रचाएं
तो करें उसकी लाज का प्रबंधन

ये चरित्र नहीं हैं पात्र 
सिर्फ महाभारत के
ये तो पात्र हैं
हर युग हर काल के 

हर स्त्री को होगा जागना 
दुर्योधन अर्जुन श्रीकृष्ण को होगा पहचानना 
लाज की अपनी रक्षा करते हुए
 फर्जों को होगा निभाना 

डॉ अर्चना टंडन


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