दुर्गा की नज़र में राम
राम कौन हैं
राम मेरे और तुम्हारे अंदर वास करने वाले
संस्कार और शिष्टाचार हैं
जिसने मनुष्य रूप में सिर्फ एक गलती की
शीलवान सीता की परीक्षा प्रजा के कहने पर ली
हम मनुष्य हैं, गलतियां होंगी
पर राम रुपी सत्चरित्र अगर उन्हें काबू कर लेगा
तभी सीता का पुनर्जन्म संभव होगा
वरना हर सीता मात्र एक कुल बढ़ाने का साधन बन
धरती को पुकारती रहेगी, उसमें समाने के लिए
और हर राम इस आहुति को सर नवाता रहेगा
क्योंकि अगर राम संस्कारवान थे
तो सीता भी हमेशा से चरित्रवान थी
ये तो रावण के प्रपंच ने
राम का मनुष्य रुपी रूप अवतरित किया
और सीता को धरती की गोद में समाने को मजबूर किया
तो अगर राम हो तो राम ही रहो
फिर क्यों किसी भी रावण के हाथ मजबूर हो
और परिणामस्वरूप अपना सर्वस्व खो ?
डॉ अर्चना टंडन
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