चोरी


चोरी ही करनी है अगर
तो ज्ञान की करना
किताब से अखबार से
या लेखक की तलवार से
ई शिक्षा से या पुस्तकालय से
वातावरण से या पारिवारिक समुदाय से
औपचारिक तरीके से 
या अनौपचारिक तरीके से
विकसित करने के लिए
अपनी बुद्धि, अपना कार्य कौशल
क्योंकि ये चोरी जायज़ होगी
प्रगतिशील और प्रेरणादायक होगी
शुद्धता और नैतिकता से सराबोर कर
प्रगतिपथ पर ले जानेवाली
सकारात्मक सोच की जन्मदात्री होगी

© डॉ अर्चना टंडन

Comments

Popular posts from this blog

बेशकीमती लिबास

नज़रिया

What Is Truth? A Doctor’s Reflection on Balance