अपनी अपनी सीरत
वो देखो वो देखो , मोर
कैसे नाच रहा चितचोर
देखो तो , दुबका बैठा है उल्लू
है बुद्धिमान बहुत
पर है बड़ा ही निठल्लू
फुदकती हुई सात बहनों को भी
देख रही है इक सूरत
हर सूरत की अपनी अपनी सीरत
कैसे नाच रहा चितचोर
देखो तो , दुबका बैठा है उल्लू
है बुद्धिमान बहुत
पर है बड़ा ही निठल्लू
फुदकती हुई सात बहनों को भी
देख रही है इक सूरत
हर सूरत की अपनी अपनी सीरत
वो देखो मर्सीडीज
कोई उसे देख हुआ स्टैंड एट इज़
छोटी सी नैनो भी तो है किसी की पसंद
जिसकी भी है उसको देती है आनंद
ऑडी ,फोर्ड ,टोयोटा
मत देखो किसने क्या है समेटा
इन सबको भी पहचान रही
परिस्थितियों के हिसाब से हर सूरत
हर सूरत की अपनी अपनी सीरत
कोई उसे देख हुआ स्टैंड एट इज़
छोटी सी नैनो भी तो है किसी की पसंद
जिसकी भी है उसको देती है आनंद
ऑडी ,फोर्ड ,टोयोटा
मत देखो किसने क्या है समेटा
इन सबको भी पहचान रही
परिस्थितियों के हिसाब से हर सूरत
हर सूरत की अपनी अपनी सीरत
किसी को भाए चटक रंग
तो किसी को पसंद आए रास्ते तंग
किसी ने बनवाईं ऊँची मेहराबें
तो किसी ने गोल गुम्बद और दीवारें
चमड़े का बीन बैग , केन का सोफा
दरी ,चटाई ,कारपेट या हो झूला
कहीं पर तो बिखेर रहा छठा
गाँव का इंटीरियर
तो कहीं पर घर कि शोभा बढ़ा रहा
विक्टोरियन फर्नीचर
सजा रही है इन्हें भी
अपने ही हिसाब से हर सूरत
हर सूरत की अपनी अपनी सीरत
तो किसी को पसंद आए रास्ते तंग
किसी ने बनवाईं ऊँची मेहराबें
तो किसी ने गोल गुम्बद और दीवारें
चमड़े का बीन बैग , केन का सोफा
दरी ,चटाई ,कारपेट या हो झूला
कहीं पर तो बिखेर रहा छठा
गाँव का इंटीरियर
तो कहीं पर घर कि शोभा बढ़ा रहा
विक्टोरियन फर्नीचर
सजा रही है इन्हें भी
अपने ही हिसाब से हर सूरत
हर सूरत की अपनी अपनी सीरत
मैं तो लेप्रोस्कोपी से निकालूँगा
बड़े से बड़ा मायोमा
मैं निकालूँगा इसे वेजाइनली
और देखना फिर तुम मेरी कारिगरी
मैं निकालूँगा इसे एबडॉमिनली
टाँके तो लगाने हैं हर सूरत में
चाहे निकालो इंट्राफेशयली या एक्सट्राफेशयली
सोच रही है अपने अपने हिसाब से हर सूरत
क्योंकि हर सूरत की है अपनी अपनी सीरत
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