भूख

 

मांगने को मजबूर करती है एक भूख

छीनकर समेटकर निपटाई जाती है दूसरी भूख

मेहनतकश मेहनत कर पूरी करता है अपनी भूख

वहीं सीनाजोरी और रुतबे से पूर्ण करता है बदमाश अपनी भूख


झगड़ों और युद्ध का भी परिणाम है भूख

तो परिवार विस्तार बिना आय के स्रोत का फल भी है भूख

सबसे दुखद है आसरे, सहारे, दुसराहट की आस लगाए

बेसहारा अकेले पड़ गए वृद्धजनों की भूख

एवं हड्डी का ढाँचा बने 

कूड़े के ढेर में भोजन तलाशती भूख


भीख मत देना कभी किसी सक्षम को

उनका इंतज़ाम तो करना कोई गुर सिखा कर 

कभी भी अवसर मिले तो ख्याल करना

भूख से बेहाल बच्चों 

और जर्जर पड़ चुके शरीरों का 

और आंदोलन छेड़ देना 

उनकी भूख मिटाने की खातिर


© डॉ अर्चना टंडन

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