उड़ान



तेरी उड़ान देख 
प्रफुल्लित होती हूँ मैं
मुरझाती नहीं 
मेरा अस्तित्व फिर लेता है 
एक नया स्वरुप
प्रस्फुटित होती हैं 
रंग-बिरंगी स्वप्न स्वरूपी 
रूपहली कोमल 
टहनियां व पत्तियां
जो दर्शाती हैं 
मेरा प्रेम, मेरा विश्वास
तेरे आत्म बल पर
और इन्तज़ार करती हैं
अगले वसंत का 
तेरी एक नई उड़ान का 
एक नई उपलब्धि का

डॉ अर्चना टंडन 




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