सूत्रधार ( मोदीजी को समर्पित )
बिलखते बच्चों व सिसकती बेवाओं के लिए जिम्मेदार
ये आतंकवाद परोसते ,टूटते प्रदेश व बिखरे देश
ये आतंकवाद परोसते ,टूटते प्रदेश व बिखरे देश
बिखरते अरमानों और टूटती आशाओं
को दर्शाते ये बिखरे आंसू व बिखरे केश
उजड़ते जंगलों ,बेघर हुए जीव - जंतुओं
को हकीक़त बनाती व्यापारिक सोच
नदियों , झरनों व पर्यावरण नष्ट कर
जो आकाओं की लेते हैं ओट
जो आकाओं की लेते हैं ओट
उन सभी को आवश्यकता है इस सूत्रधार की
जो इन्हें एक सूत्र में पिरो सके
इनकी व्यथाओं के लिए जिम्मेदार
आतंकवाद को थाम सके
अरमानों को दिशा दे सके
बिखरे मोतियों का दर्द समझ सके
जंगलों का स्वरुप लौटा जीव- जंतुओं को बसा सके
नदियों को कलकल बहा सके
झरनों का यौवन लौटा सके
आकाओं को ज़हीन बना सके
और व्यावसायिकता को
आध्यात्मवाद का चोला पहना सके
डॉ अर्चना टंडन
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