बेईमानी को इमानदारी से करने का ज़माना है






वकालत कातिलाना  चालें सिखा  रही  है 
धर्मान्धता  हैवानियत बरसा  रही है 
पेशेवर तक  सियासतदां हो गए  हैं
ये कैसे मुकाम पर हम आ गए हैं ?


शिक्षा एक व्यवसाय बन गई  है 
काबिलियत से मुंह मोड़ पैसे पर न्योछावर हो गई है 
नकली डिग्री असली का चोला  पहन इतरा रही  है 
ये कैसे मुकाम पर दुनिया आ गई  है  ?


प्यार एक सौदे में तब्दील हो गया है 
बेईमानी एक मसौदा हो गया है  
दूसरे को नुकसान पहुंचा आगे बढ़ने का कायदा हो गया है 
ये कैसे मुकाम पर ज़माना आ गया  है ?



ज़रिये से ज्यादा दौलत का होना ही केवल सफलता का पैमाना है 
भावनाओं का सौदा कर व्यवसाय जमाने का ही ज़माना है  
कामयाबी का मतलब सेवाभाव को नकार ताकत को अपनाना है 
बेईमानी को इमानदारी से करने का ज़माना  है 

---- अर्चना टंडन 





Comments

Unknown said…
Nice.keep writing.make your own roadmap.

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