तुम



बेहद करीब से देखा
और महसूस किया है तुम्हें
संजीदगी में है तुम्हारे
एक दीवानापन
और शराफत में  
है छिपी एक हसीन शरारत
सीखने को आतुर तुम
सिखाते हो तरतीब से
और जगा जाते हो अपने पीछे
एक सीखने की ललक
एक एहसास,एक दीवानापन
अवस्थाओं, संस्थाओं और
परिस्थितियों को पार कर
कुछ कर गुजरने की धुन

डॉ अर्चना टंडन







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