बरकते -एहसास
बरकते -एहसास को ज़िंदा रखने में कामयाब कर ऐ खुदा
दिला विश्वास कि ये एहसास पाया नहीं कमाया जाता है
इरादों को सलामत रख
बन्दे
सच्चाई के रास्ते से
इत्तेफ़ाक़ रख
ख्वाहिशों को मंज़िल समझने की भूल में
धोका और बेईमानी से वास्ता
क्यूँकर रख
क्यूँकर रख
डॉ अर्चना टंडन
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