अंत्योदय से सर्वोदय की ऒर
मलहम लगाओ
किन्तु कटार चलाना मत भूलो
हमले के लिए नहीं
अपितु आत्मरक्षण के लिए,
आध्यात्मवादी वीर बनो
चातुर्य तुम्हारा गरिमामय हो
चेतना,न्याय, समदर्शीपन, विवेक, कर्मठता , सृजनशीलता
को आत्मसात कर
हमलावर के बल प्रयोग को
सही दिशा देने की कला सीखते हुए
जियो, जीने दो और जिलाओ
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