खुद को कैद क्यों करो
खुद को कैद क्यों करो खुद को कैद क्यों करो करो कि तुम अपना सच देख सको समाज के बंधन कितने सच हैं यह जान सको करो कि आत्म -मंथन कर सको और तुम अपने आप को पहचान सको खुद को कैद क्यों करो करो की समाज की जकड़न से उभर सको चारों तरफ फैली ज़ंजीरों को सुलझा सको अपनी समझ और भावनाओं को विस्तार दे सको पढ़ो खोजो और समझो कि तुम्हारे जैसे अनेक हैं जो तुम्हारी तरह सोचते हैं जीते हैं और तुम इस क़ैद से फिर ख़ुशी ख़ुशी मुक्त हो सको खुद को क़ैद क्यों करो खुद को क़ैद करो, एक बेबसी के लिए नहीं एक बदलाव के लिए एक सोच के लिए आत्म विश्लेषण के लिए कि इस क़ैद से तुमने क्या पाया जानने के लिए कि सत्य और विश्वास ही जड़ें हैं सब शक्तिओं की खुद को क़ैद क्यों करो यह जानने के लिए कि क़ैद सजा नहीं है क़ैद इंसान को मार नहीं सकती कैद की विपरीत परिस्थियाँ इंसान क...